हर बात को तुम भूलो मगर माँ बाप को मत भूलना | Har Baat Ko Bhulo Magar Maa Baap Ko Mat Bhulna
माँ बाप की क्या भूमिका है।हमारे जीवन में इस भजन "हर बात को भूलो मगर माँ बाप को मत भूलना" के माध्यम से समझने की कोशिश करते हैं।खासकर यह भजन बच्चों, नवयुवकों के लिए बनाया हूँ,क्योंकि भारत जैसे देश में वृद्धाश्रम खुलते ही जा रहें हैं।और इस भजन का उद्देश्य यही है कि लोगों को अपने माँ बाप की कीमत क्या होता हैं? और माँ बाप की हमारे जिन्दगी में क्या अहमियत है?
हर बात को तुम भूलो मगर माँ बाप को मत भूलना: Har Baat Ko Bhulo Magar Maa Baap Ko Mat Bhulna-
हर बात को तुम भूलो मगर माँ बाप को मत भूलना | Har Baat Ko Bhulo Magar Maa Baap Ko Mat Bhulna
हर बात को तुम भूलो भले,
मां बाप को मत भूलना।
उपकार इनके लाखों है,
इस बात को मत भूलना।1।
धरती पर देवो को पूजा,
भगवान को लाख मनाया है।
तब तेरी सूरत पायी है,
संसार में तुझको बुलाया है।
इन पावन लोगों के दिल को,
पत्थर बनकर मत तोड़ना।।
उपकार इनके लाखों है,
इस बात को मत भूलना।।
हर बात को तुम भूलों भले,
मां बाप को मत भूलना।
अपने ही पेट को काटा है,
और तेरी काया सजाई है।
अपना हर कौर खिलाया तुझे,
तब तेरी भूख मिटाई है।।
इन अमृत देने वालों के,
जीवन में जहर मत घोलना।।
उपकार इनके लाखों हैं,
इस बात को मत भूलना।।
हर बात को तुम भूलों भले,
मां बाप को मत भूलना।।
जो चीज भी तुमने मांगी है,
वो सब कुछ तुमने पाया है।
हर जिद को लगाया सीने से,
बड़ा तुमसे नेह जताया है।।
इन प्यार लुटाने वालों का तुम,
प्रेम प्यार मत भूलना,
उपकार इनके लाखों है,
इस बात को मत भूलना।।
मां बाप को मत भूलना।।
गीले में सदा ही सोए हैं,
सूखे में तुझ को सुलाया है।
बाहों को बना कर के झूला,
तुझे दिन और रात झुलाया है।।
इन निर्मल निश्छल आंखों में,
एक आंसू भी मत घोलना।
उपकार इनके लाखों है,
इस राज को मत भूलना
उपकार इनके लाखों है,
इस बात को मत भूलना।।
हर बात को तुम भूलों भले,
मां बाप को मत भूलना।।
चाहे लाख कमाई धन दौलत,
यह बंगला कोठी बनाई है।
मां बाप ही न खुश है तेरे,
बेकार यह सारी कमाई है।।
यह लाख नहीं यह खाक है सब,
इस राज को मत भूलना,
उपकार इनके लाखों है,
इस बात को मत भूलना।।
हर बात को तुम भूलो भले,
मां बाप को मत भूलना।
उपकार इनके लाखों है,
इस बात को मत भूलना।।
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