Shani chalisa:शनिदेव न्याय के कारक ग्रह हैं| शनिदेव का प्रिय दिन शानिवार है| आपकी जानकारी के लिए बताना चाहूँगा शनिदेव दो राशि के स्वामी ग्रह है - मकर राशि और कुम्भ राशि | जिन्दगी में सफल होने के लिए हर जातक को शनि चालीसा अवश्य ही पढना चाहिए क्योंकि शनिदेव के अशुभ प्रभाव से केकई की वुद्धि भ्रष्ट हो गयी थी और भी बहुत सारे ऐसे उदाहरण है जो प्रायः सुनने को मिलते है| इस पोस्ट में श्री शनि चालीसा हिंदी में और शनि चालीसा पढने के फायदे के बारे में बात की गयी है|
जन्मकुंडली के दो घरों के मालिक शनिदेव है। अर्थात दसवां और ग्यारहवें घर के मालिक शनिदेव जी महाराज होते है, और शनिदेव के प्रिय दिन शनिवार को जो भी व्यक्ति शनि चालीसा का पाठ करता है वह शनिदेव के अशुभ परिणाम से मुक्त रहता है|
श्री शनि चालीसा के पढने से शनि देव की असीम कृपा जातक को प्राप्त होता है जिसकी विस्तृत चर्चा इस लेख में समाहित है आइये पढ़ते है, श्री शनि चालीसा (Shani chalisa) हिंदी में और शनि चालीसा पढने के फायदे (shani chalisa padhne ke fayde)
श्री शनि चालीसा | Shani Chalisa|
।।दोहा।।
।।जय गणेश गिरिजा सुवन मंगल करण कृपाल।।
।।दीनन के दु:ख, दूर करि कीजे, नाथ निहाल।।
।।जय जय श्रीशनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज।।
।।करहु कृपा है रवितनय, राखहु जन की लाज।।
।।चौपाई।।
जयति जयति जय शनिदेव दयाला।
करत सदा भक्तन प्रतिपाला।।
चारि भुजा, तनु श्याम विराजै।
माथे रतन मुकुट छवि छाजै।।
परम विशाल मनोहर भाला।
टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला।।
कुंडल श्रवण चमाचम चमके।
हिये माल मुक्तन मणि दमके।।
कर में गदा त्रिशूल कुठारा।
पल बिच करैं अरिहिं संहारा।।
पिंगल, कृष्णों, छाया, नंदन।
यम, कोणस्थ, रौद्र, दुख भंजन।।
सौरी, मंद, शनि, दशनामा।
भानु पुत्र पूजहिं सब कामा।।
जा पर प्रभु प्रसन्न है जाहीं।
रंकहुं राव करैं क्षण माहीं।।
पर्वतहू तृण होई निहारत
तृणहू को पर्वत करि डारत
राज मिलत वन रामहिं दीन्हो।
कैकेइहुं की मति हरि लीन्हों।।
बनहूं मैं मृग कपट दिखाई।
मांतु जानकी गई चतुराई।।
लखनहिं शक्ति विकल करिडारा।
मचिगा दल में हाहाकारा।।
रावण की गति मति बौराई।
रामचंद्र सों बैर बढाई।।
दियो कीट करि कंचन लंका।
बजि बजरंग बीर की डंका।।
नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा।
चित्र मयूर निगलि गै हारा।।
हार नौलखा लाग्यो चोरी।
हाथ पैर डरवायो तोरी।।
भारी दशा निकृष्ट दिखायो।
तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो।।
विनय राग दीपक महँ कीन्हों।
तब प्रसन्न प्रभु हवै सुख दीन्हों।।
हरिश्चंद्र नृप नारि बिकानी।
आपहुं भरे डोम घर पानी।।
तैसे नल पर दशा सिरानी।
भूंजी मीन कूद गई पानी।।
श्री शंकरहि गहयो जब जाई।
पार्वती को सती कराई।।
तनिक विलोकत ही करि रीसा।
नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा।।
पांडव पर भै दशा तुम्हारी।
बची द्रौपदी होति उधारी।।
कौरव के भी गति मति मारयो।
युद्ध महाभारत करि डारयो।।
रवि कहं मुख मंह धरि तत्काला।
लेकर कूद परयो पाताला।।
शेष देव लखि विनती लाई।
रवि को मुख ते दियो छुड़ाई।।
वाहन प्रभु के सात सुजाना।
जग दिग्गज गर्दभ मृग स्वाना।।
जंबुक सिंह आदि नख धारी।
सो फल ज्योतिष कहत पुकारी।।
गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं।
हय ते सुख संपत्ति उपजावै।।
गर्दभ हानि करै बहु काजा।
सिंह सिद्धकर राज समाजा।।
जंबुक बुद्धि नष्ट कर डारै।
मृग दे कष्ट प्राण संहारे।।
जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी।
चोरी आदि होय डर भारी।।
तैसहि चारि चरण यह नामा।
स्वर्ण लौह चांदी अरु तांबा।।
लौह चरण पर जब प्रभु आवैं।
जन धन संपत्ति नष्ट करावै।।
समता ताम्र रजत शुभकारी।
स्वर्ण सर्वसुख मंगलकारी।।
जो यह शनि चरित्र नित गावै।
कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै।।
अद्भुत नाथ दिखावै लीला।
करैं शत्रु के नशि बलि ढीला।।
जो पंडित सुयोग्य बुलवावै।
विधिवत शनि ग्रह शांति करावै।।
पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत।
दीपदान दै बहु सुख पावत।।
कहत राम सुंदर प्रभु दासा।
सनी सुमिरत सुख होत प्रकाशा।।
।।दोहा।।
।।पाठ शनिश्चर देव को कीहों विमल तैयार।।
।।करत पाठ चालीस दिन हो भवसागर पार।।
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शनि चालीसा पढने के फायदे (Shani Chalisa Padhne Ke Fayde)
शनि चालीसा पढने के फायदे तो बहुत हैं क्योंकि ऊपर हम चर्चा कर चुके हैं और शनि चालीसा ( शनि चालीसा ) ध्यान से पढेंगे तो उसमे भी लिखा है की जब भी शनिदेव की कुदृष्टी किसी भी जातक पर पड़ता है तो जन धन संपत्ति इत्यादि स्वतः नष्ट होने लगते हैं| आइये जानते है,शनि चालीसा पढने के फायदे (shani chalisa padhne ke fayde)-
- यदि जिंदगी में बहुत ही ज्यादा परेशान हैं, और शत्रुओं से घिरे है, घर में बीमारी लगी रहती हैं तो दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ शनि चालीसा पढ़नें के बाद अवश्य करे निश्चित ही रोग, दोष दूर हो जाएंगे।
- शनि देव के चालीसा करने मात्र से शनिदेव खुश रहते है और घर में कलह नहीं होता है अर्थात सुख शांति का वातावरण बना रहता है।
- यदि जातक बीमार रहता है तो शनि चालीसा एक दवा की भाँती काम करता है|
- बाए पैर में दर्द या फिर जोड़ों में दर्द हो तो शनि चालीसा पढने से लाभ मिलता है।
- यदि नियम पूर्वक शनि चालीसा का पाठ किया जाए तो जातक को विघ्न, बाधा से भी मुक्ति मिलता है।
- शनि चालीसा पीपल के पेड़ के नीचे पढने से जातक को शनि देव के साढ़े साती से मुक्ति मिलती है।
- शनि चालीसा पढ़नें से जातक के दिमाग में दिन भर पॉजिटिव अर्थात सकारत्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
- शनि चालीसा पढ़ने से जो जातक लोहे से सम्बंधित व्यापार करते हैं, उनको विशेष लाभ मिलता है।
- शनि चालीसा पढ़ने से व्यक्ति के साथ साथ उसके परिवार की रक्षा स्वयं शनि महाराज करते हैं।
निष्कर्ष
जय श्री शनिदेव महाराज की प्यारे भक्तों आप सभी की जानकारी के लिए बता दूं कि शनि चालीसा हर शनिवार को कम से कम व्यक्ति को स्वयं एवं परिवार के कल्याण के लिए पढ़ना चाहिए। ज्योतिषाचार्य गौरव कुमार के द्वारा इस पोस्ट में अत्यंत सरल एवं सटीक विधि से शनि चालीसा एवं शनि चालीसा पढ़ने के फायदे के बारे में स्पष्ट लेख दिया गया है।
आशा करते हैं, कि आपको Shani Chalisa Lyrics In Hindi ( शनि चालीसा ) एवं Shani Chalisa Padhne Ke Fayde ( शनि चालीसा पढ़ने के फायदे ) के बारे में पढ़कर पॉजिटिव महसूस कर रहे होंगे।
जय श्री शनिदेव
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