यह लेख जरूर पढ़े- वृद्धाश्रम क्यों बढ़ रहे है?
मेरी समझ से वृद्धाश्रम बढ़ने की पीछे की वजह स्वयं होते हैं,क्योंकि सही संस्कार ही ब्यक्ति को पीढ़ी डर पीढ़ी आगे बढाती हैं।पूर्वजों के द्वारा बनाये गये रीति रिवाजों को इंसान भूलता जा रहा है| वृद्धाश्रम बढ़ने के पीछे तो बहुत कारण हो सकते है कुछ कारण तो स्पष्ट नही है लेकिन कुछ कारण ऐसे हैं जैसे अभिभावक द्वारा बच्चों का मन बढ़ाना, हद से ज्यादा छूट देना इत्यादि महत्वपूर्ण कारण है।
वृद्धाश्रम बढ़ने के कारण
वृद्धाश्रम बढ़ने के कारण कहीं न कहीं अभिभावक स्वयं होते हैं क्योंकि उन्ही के द्वारा ही बच्चों का पालन पोषण और संस्कार दिया जाता है. कभी कभी बच्चे माँ बाप का भी गलत फायदा उठाने लगते हैं जिसका दुष्परिणाम देखने को मिलता है. आइये जानते हैं वृद्धाश्रम क्यों बढ़ रहे हैं,
अपने ऊपर आश्रित बनाना:
बच्चों को कभी भी अपने ऊपर आश्रित नहीं बनाना जो भी माँ बाप अपने बच्चों को अधिक सुख देते है, अर्थात अपने बच्चों को अपने ऊपर आश्रित बना लेते है अक्सर वही बच्चे ही मां बाप से स्वार्थ ढूढनें लगते हैं।इसलिए आजकल के युवाओं से मेरा निवेदन है की मां बाप के ऊपर कभी भी आश्रित न रहें।
बच्चों की झूठी तारीफ़ करना:
बहुत से ऐसे मां बाप होते है, जो रिश्तेदारी या पास पड़ोस में अपने बच्चों की झूठी तारीफ करते है। जैसे- मेरा बच्चा बहुत अच्छा है, पढ़ने में भी बहुत अच्छा है। समय समय पर सब काम कर लेता है,इत्यादि टाइप बात करते हैं,लेकिन इसके पीछे का सच कुछ और ही होता है।
बच्चों के गलतिओं को नजरअंदाज करना:
जो भी माँ बाप अपने बच्चों के गलतिओं को छिपाते है और लोगों के सामने झूठ की पोटली प्रस्तुत करते हैं वे खुद ही अपने लिए खाई खोदते हैं|
हद से ज्यादा आराम देना:
जो भी मां बाप अपने बच्चों को ज्यादा सुख सुविधा देते है तो ऐसे बच्चे लोगों से अपने आपको compare करके सोचते है मेरे से ज्यादा सुखी कोई नहीं है। और इसी सुखों से ही उनके दिमाग में फोबिया आना शुरू हो जाता है।
संयुक्त परिवार में नहीं रहना:
यह कहना तो नामुमकिन है, की भारत जैसे देश में आज ऐसी दशा हर माँ बाप की हो गयी है या हर युवा यही सोच अपनें माँ बाप के प्रति रखता है लेकिन 100 में से 5 प्रतिशत लोग ऐसे है जिनके माँ बाप की दुर्दशा ही हो रही है जीते जी लोग माँ बाप से प्रेम से बात तक नहीं करते है,और उनका ख्याल तक नहीं रखते है और बाद में जब खुद बुढ़ापे की तरफ पहुँचते है तो घर में अपने माँ बाप की तस्वीर (फोटो) लगाते है|
मेरे समझ से तो सच्चाई यह है कि वो लोग इसलिए नहीं पोस्टर या तस्वीर माँ बाप की लगाते है की उन्हें बहुत प्रेम है। वे सिर्फ इसलिए लगाते हैं, ताकि वह दुनिया और खासकर अपने बेटे बहुओं को दिखा सके की हमने अपने माँ बाप की सेवा बहुत किया है।इसके पीछे बहुत बड़ा राज है उन्हें अपने माँ बाप के साथ किए हुए अत्याचार दिखाई देते हैं।और डर भी होता है की कहीं हमारे बहु बेटे भी हमारे साथ वही सौतेला व्यवहार न करे।अरे मूर्खों अपने माँ बाप को तुमने तो जीते जी खुश न रख सके तो फिर क्यों डर रहे हो।
एक बात हमेशा याद रखना द्वापर युग हो, त्रेता युग हो या कलयुग हो भगवान के रूप से भी बड़ा माँ बाप का स्वरुप होता है| इसलिए इसी जन्म का किया हुआ कर्म का फल इसी जन्म में भोगना ही पड़ेगा|जिन्दगी का चक्रिय क्रम चलता ही रहता है|
अरे शास्त्रों में भी लिखा है की माँ बाप के तन (शरीर) में सारे देवता निवास करते है| इंसान चाहे लाख पूजा पाठ, व्रत तीर्थ कर ले, सभी तरह के सत्कर्म कर ले लेकिन अगर माँ बाप की सेवा ही नहीं किया तो सब ब्यर्थ है|
आखिर में जब एक बालक इस दुनिया में आने वाला होता है, तभी से माँ उसका ख्याल रखने लगती है|और एक पिता उस बालक के जन्म से लेकर परिवरिश इत्यादि के बारे में चिंतन करना शुरू कर देता है,और माँ बाप के नजर में आप हम चाहे कितने भी बड़े हो जाए लेकिन माँ बाप के लिए बच्चे ही है।
मेरे द्वारा इस लेख के माध्यम से "वृद्धाश्रम क्यों बढ़ रहे है?" में कोई भी बात यदि आप सभी लोगों को बुरा लगा हो तो मै क्षमा मांगता हूँ|