पितृ दोष क्या होता है और पितृ दोष के लक्षण एवं उपाय |
Pitra Dosh: जिंदगी में कुछ लोग लाख परिश्रम करते हैं और फिर भी सफल नही रहते है घर में सुख शांति का भी अभाव रहता है| घर में वाद विवाद अक्सर होता रहता है| तनाव पूर्ण स्थिति में यदि रहते हैं तो यह मानकर चलिए की कहीं न कहीं आप पितृ दोष से पीड़ित हैं। इस आर्टिकल में पितृ दोष क्या होता है? और पितृ दोष के लक्षण एवं उपाय क्या है आइये जानते हैं इस लेख के माध्यम से ,
pitra-dosh-kya-hota-hai-pitra-dosh-ke-lakshan-pitra-dosh-ke-upay.html |
पितृ दोष को व्यक्ति को हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि पितृ दोष का तात्पर्य है पितृ या पूर्वज ऋण। पितरों का सही तरीके से क्रिया कर्म न किया गया हो या फिर किसी भूलवश पूर्वजों के साथ कुछ गलतियां हो जाने की वजह से ही व्यक्ति को पितृ दोष लगता हैं। शास्त्रों और विद्वानों के अनुसार पितृ दोष के कुछ अन्य लक्षण भी बताए गए हैं, जिससे व्यक्ति अपने आप को स्वयं महसूस कर सकता है, की व्यक्ति पितृ दोष से पीड़ित है या नहीं।
पितृ दोष के लक्षण | Pitra Dosh Ke Lakshan |
- रात में सोते समय यदि व्यक्ति का नींद एक दो घंटे में खुल जाए और भूख लग जाए तो समझ जाइए आप पितृ दोष से पीड़ित हैं। इसके अलावा यदि नींद खुलने के बाद सुबह चार पांच बजे के बाद नींद आए तो समझ जाइए पितृ दोष हैं।
- यदि नौकरी में बार बार परेशानी आये या बार बार नौकरी बदलना पड़े तो यह भी पितृ दोष का लक्षण होता है |
- घर में अशांति व्याप्त हो तो भी यह पितृ दोष के लक्षण हैं।
- हमेशा पति पत्नी में अनबन बनी रहती हो खासकर सोमवार या शनिवार के दिन तो समझ जाइए पितृ दोष के लक्षण हैं।
- वैसे तो वंश वृद्धि तो अपने अपने किस्मत की बात होती है, लेकिन शास्त्रों में वर्णन मिलता है की पितृ दोष के कारण देर से संतान होना एक प्रमुख लक्षण हैं।
- खाने की थाली में बार - बार यदि बाल निकलता हैं तो यह भी पितृ दोष का लक्षण माना जाता है।
- पितृ दोष से पीड़ित व्यक्ति के घर में हमेशा लडाई झगड़े होना धन आने के बाद भी न रुकना, काम बनते बनते रुक जाए तो पितृ दोष का उपाय अवश्य कर लीजिये |
कुंडली देख कर कैसे जाने पितृ दोष है या नहीं
- ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार यदि किसी भी जातक की कुंडली के प्रथम अर्थात पहला भाव एवं पाँचवा भाव में मंगल, शनि और सूर्य एक साथ हो तो जातक पितृ दोष से पीड़ित माना जाता है| यदि किसी जातक की कुंडली के आठवें भाव में राहु और गुरु की युति हो तो भी पितृ दोष का निर्माण होता है|
- राहू केंद्र में या त्रिकोण में यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में स्थित होता है तो जातक पितृ दोष से पीड़ित होता है| अर्थात 1,4,7,10 कुंडली का केंद्र का घर एवं 1,5,9 त्रिकोण का घर कहते हैं यदि इन घरों में राहू तो ब्यक्ति पितृ दोष से पीड़ित है |
- चंद्रमा सूर्य और पहले घर जिसको लग्नेश खा जाता है का सम्बन्ध राहु से हो तो व्यक्ति पितृ दोष से पीड़ित होता है|
- इसके अलावा यह भी माना जाता है की जब कोई भी व्यक्ति अपने बड़े बुजुर्गों का आदर नहीं करता है, तो भी ब्यक्ति पितृ दोष से पीड़ित होता है|
पितृ दोष के उपाय (Pitra Dosh Ke Upay)
- किसी ब्यक्ति की कुंडली या पारिवारिक समस्या के आधार पर यह ज्ञात किया जा सकता है घर में पित्र दोष है लेकिन शास्त्रों में पित्र दोष से मुक्ति पाने के कुछ महत्वपूर्ण उपाय वर्णित है जिसकी जानकारी इस लेख में दिया गया है |
- अगर किसी जातक के जन्मकुंडली में पितृ दोष (Pitra Dosh) है, तो ऐसे जातक को अपने पूर्वजों का चित्र घर के दक्षिण दिशा की दीवार पर लगा लेना चाहिए और रोज उन पूर्वज की श्रध्हा भाव से पूजा करनी चाहिए और उन पर हार चढ़ाना चाहिए एवं अपने कल्याण के लिए आशीर्वाद प्राप्त करनी चाहिए |
- उड़द के आटा से बरा बना कर प्रत्येक शनिवार को काले कुत्ते को खिलाना चाहिए इस से राहू, शनि एवं केतु तीनों ग्रह के अशुभ परिणाम कम होते हैं जिससे पितृ दोष से भी ब्यक्ति को मुक्ति मिलता है|
- हर साल पितृ अमावस्या को या फिर जिस तारीख को जातक के पूर्वज की मृत्यु हुई हो उस दिन अर्थात तिथि पर पितृ दोष की शांति हेतु विद्वानों से पाठ करना पितृ दोष को कम करता है|
- ब्यक्ति को सवा किलो चावल ले लेना है| अब प्रत्येक दिन मंदिर जाना हैं जहाँ पीपल का पेड़ हो वहा पर जाकर एक मुट्ठी चावल लेकर अपने ऊपर से सात बार उतरना है फिर ऊपर से उतारा हुआ चावल पीपल की जड़ में समर्पित कर देना है | यह प्रक्रिया लगातार 21 दिन तक व्यक्ति को करना चाहिए | पितृ दोष धीरे - धीरे शांत होने लगेंगे |
- रात को करीब 2 बजे को साफ़ सुथरा कपडा पहनकर हनुमान जी का आसन लगाकर श्री राम दरबार स्थापित करके ब्यक्ति को सुंदर काण्ड का पाठ करना चाहिए ऐसा लगभग ग्यारह दिन करते करते व्यक्ति की जिन्दगी पितृ दोष से मुक्त हो जाता है |
- ब्यक्ति यथाशीघ्र प्रत्येक पूर्णिमा, अमावस्या वाले दिन श्री मद भागवत गीता के गजेन्द्र मोक्ष नामक पाठ करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है|
- व्यक्ति को प्रत्येक चतुर्दशी,पूर्णिमा और अमावस्या के एक दिन पहले पीपल पर भगवान् विष्णु जी का ध्यान कर दूध अर्पित करना चाहिए| ऐसा करने से पितृ दोष से ब्यक्ति मुक्त हो जाता है|
- घर के ऊपर किसी पात्र में जल और सात तरह के अनाज पक्षिओं के लिए रखने से भी पितृ दोष से मुक्ति मिलती है ब्यक्ति को |
Disclaimer: इस लेख में त्रुटियों का विशेष ध्यान रखा गया है,फिर भी किसी भी तरह के क्षतिपूर्ति के लिए रत्नज्ञान वेबसाइट की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।अधिक जानकारी के लिए डिस्क्लेमर पालिसी अवश्य पढ़े।