उंगलियों के नाम एवं भारतीय ज्योतिष में उंगलियों का महत्व (Ungliyon Ke Naam)
भारतीय ज्योतिष में हस्तरेखा देखने से पहले हाथ की आकृति, नाखून इत्यादि को देखना होता है| इस आर्टिकल में उंगलियों के नाम (ungliyon ke naam) दिए गये है| इसके साथ-साथ 5 Ungli Ke Naam इंग्लिश में और हिंदी में क्या हैं, का समावेश किया गया है।
रत्न धारण करना हो या फिर शुभ कार्य जैसे हवन करना इत्यादि के लिए कुछ विशेष उंगली से ही किया जाता है इसलिए आप सभी लोगों की जानकारी के लिए उंगलियों के नाम- Ungliyon Ke Naam का सचित्र समझाया गया है।
उंगलियों के नाम- Ungliyon Ke Naam
प्रत्येक ब्यक्ति के हाथ में एक अंगूठा और चार ऊँगली होती है, आइये जानते हैं प्रत्येक ऊँगली के बारे में,
अंगूठा-
अंगूठा को इंग्लिश में Thumb Finger कहते है|आप लोगों की जानकारी के लिए जब भी आप रेखाओं की तरफ से देखेंगे तो अंगूठे वाली ऊँगली पर एक रेखाएँ होती है, जिसमे अंगूठा में दो भाग होते है|अंगूठे को अंकुश भी कहा जाता है।
तर्जनी:
तर्जनी तर्जनी या उंगली अंगूठी के पास वाली होती है इसको तर्जनी उंगली कहा जाता है इसके तीन पाव होते हैं उसे उंगली का अध्ययन करते समय या ध्यान रखना चाहिए कि इसका सिर किस प्रकार का है तथा इसका झुकाव किस तरफ है झुकाव तीन प्रकार के होते हैं कुछ उंगलियां बिल्कुल सीधी होती हैं जबकि कुछ उंगलियां अंगूठे की तरफ झुकी हुई होती है इसी प्रकार कुछ उंगलियां माध्यम की तरफ झुकी हुई हो सकती हैं।
मध्यमा:
मध्यमा उंगली या हाथ में सबसे बड़ी उंगली होती है तथा इसको संस्कृत में मध्यमा उंगली कहा जाता है। मध्यमा उंगली का संबंध शनि देव से होता है। कहने का तात्पर्य यह है की बीच वाली उंगली में शनि देव से संबंधित रत्न धारण करते हैं।
अनामिका:
अनामिका मध्यमा के पास वाली उंगली को अनामिका उंगली कहते हैं। सामान्यतय: उंगली मध्यमा उंगली से छोटी होती है, तथा लगभग तर्जनी उंगली के बराबर लंबी होती है इस उंगली के झुकाव का विशेष अध्ययन करना चाहिए यदि Anamika Finger का झुकाव मध्यमा उंगली की तरफ हो तो यह ज्यादा अच्छी तथा श्रेष्ठ कही जाती है विपरीत दिशा में झुकाव होने से ऐसा प्रतीत होता है कि उस वक्त का गृहस्थ जीवन ज्यादा सुख में नहीं रह सकेगा
कनिष्ठा:
कनिष्ठा उंगली या हाथ की सबसे छोटी उंगली होती है तथा सामान्यता इसका अंतिम शिरा अनामिका के ऊपरी सिरे तक अर्थात ऊपरी जोड़ तक पहुंचता है परंतु जिस व्यक्ति के हाथ में उंगली जरूरत से ज्यादा लंबी होती है वह व्यक्ति निश्चय ही सौभाग्यशाली होता है और अपने प्रयत्नों सेवा उच्च स्तरीय सम्मान प्राप्त करता है।
रत्न शास्त्र के अनुसार उंगली का महत्व
रत्नशास्त्र में प्रमुख रूप से नौ रत्नों का स्थान सर्वोच्च है। और हर एक उंगली का संबंध अलग अलग ग्रहों के लिए अलग अलग उंगली का माना जाता है। जैसे सबसे छोटी उंगली जिसे कनिष्ठका उंगली भी कहते हैं इसका संबंध मोती रत्न और चंद्र देव से मना जाता है। इसी तरह से अन्य ग्रहों के प्रमुख रत्नों को धारण करने के लिए उंगली का अत्यधिक महत्व है रत्न शास्त्र में।