रत्न का वजन कम होने से नहीं मिलता फल, स्वयं जानिए कौन सा रत्न कितने रत्ती का धारण करना चाहिए ?

रत्न का वजन कम होने से नहीं मिलता फल, स्वयं जानिए रत्न का वजन कितना होना चाहिए ?

रत्नों से जुड़ी भ्रांतियां आज कल बहुत ज्यादा फैली हुई है। क्योंकि आज कल आडंबर इतना ज्यादा है, कि सब अपने फायदे के लिए विद्वान बनकर ज्योतिष समाज को गंदा कर डाले हैं। भारतीय ज्योतिष को धूमिल करने वाले वही लोग है जो पोशाक डालकर और सही से मंत्र भी बोलने नहीं आता है और भारतीय ज्योतिष को ही अपना कारोबार अर्थात पैसा कमाने का धंधा बना लिए हैं।

अगर आप रत्न धारण करते हैं तो आपको कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। कुछ लोग अपने परिवेश में देखा देखी शौक वश रत्न धारण करते हैं, तो वहीं कुछ लोग किसी योग्य ज्योतिष की सलाह लेकर ही रत्न धारण करना उचित समझते हैं। 

दरअसल विद्वानों का मानना है कि बिना किसी विशेषज्ञ की सलाह के कोई भी रत्न धारण किसी भी व्यक्ति को धारण नहीं करना चाहिए। यदि इस तरह कोई भी व्यक्ति करता है, तो कभी कभी इसका परिणाम भुगतना भी पड़ सकता है। 


👉कई लोगों का मानना है कि बिना किसी विशेषज्ञ की सलाह के कोई भी रत्न धारण नहीं करना चाहिए।


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रत्न का वजन कम होने से नहीं मिलता फल, स्वयं जानिए कौन सा रत्न कितने रत्ती का धारण करना चाहिए ?


इस आर्टिकल में आज हम आप सभी लोगों को बताएंगे कि रत्न पहनते समय रत्न के वजन का विशेष ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि यदि कोई भी जातक रत्न को धारण करते समय वजन का ध्यान नहीं रखता है, रत्न पहनने का कोई लाभ नहीं मिलता है। 


कौन सा रत्न कितने रत्ती का धारण करना चाहिए

ग्रहों के अशुभ प्रभाव को रोकने के लिए कुछ विशेष प्रकार के रत्नों का सुझाव ज्योतिषाचार्य या विद्वान द्वारा किया जाता है| रत्न का सुझाव तो पंडितों द्वारा बता दिया जाता है लेकिन कभी कभी कभी व्यक्ति प्रायः दुविधा में पड़ जाता है की कौन सा रत्न कितनें रत्ती (वजन) का धारण करना चाहिए | इसी सब समस्याओं के समाधान के लिए रत्न ज्ञान वेबसाइट के माध्यम से क्रमशः नौ प्रमुख रत्न माणिक्य, नीलम, हीरा, पन्ना, पुखराज, मोती, मूंगा, लहसुनिया कितनें रत्ती का धारण करना चाहिए, से सम्बंधित जानकारी नीचे दिया गया है|

आइये जानते है, कौन सा रत्न कितने रत्ती (वजन) का धारण करना चाहिए-    


माणिक (Manikya)


सूर्य रत्न माणिक का वजन कम से कम 3 (तीन) रत्ती होना चाहिए। ध्यान रखनें योग्य बातें 3 रत्ती से कम का माणिक्य पहनने से कोई फल नहीं मिलता है।

नीलम (Neelam)


शनि रत्न नीलम का वजन कम से कम चार रत्ती का व्यक्ति को पहनना चाहिए। अतः चार रत्ती से कम वजन का नीलम व्यक्ति को कदापि नहीं धारण करना चाहिए।

हीरा (Heera)


शुक्र रत्न हीरा का वजन कम से कम 1.5 अर्थात डेढ़ रत्ती का पहनना चाहिए। खासकर हीरा पहनने वाले जातक को ध्यान रखना चाहिए कि हीरा (Diamond) का वजन कम से कम डेढ़ रत्ती का है या नही।

पन्ना (Panna)


बुध देव का प्रिय रत्न पन्ना का वजन कम से कम तीन (3) रत्ती से छह (6) रत्ती का होना चाहिए।

पुखराज (Pukhraj)


वृहस्पति देव का प्रिय रत्न पुखराज कम-से-कम तीन (3) रत्ती से चार (4) रत्ती का होना चाहिए। भूलकर भी छह (6), ग्यारह (11) या फिर पंद्रह (15) रत्ती का पुखराज कभी नहीं पहनना चाहिए।

मोती (Moti)


चन्द्र देव का रत्न मोती कम-से-कम 4 (चार), 6 (छह), 2(दो) या 11 (ग्यारह) रत्ती का होना चाहिए, परन्तु भूलकर भी सात (7) अथवा 8 (आठ)  रत्ती का मोती कदापि नहीं पहनना चाहिए।

मूंगा (Moonga)


मंगल देव का रत्न मूंगा का वजन कम-से-कम 4 (चार) से 6 (छह), 11 (ग्यारह) या 13 (तेरह) रत्ती का होना चाहिए, परन्तु किसी व्यक्ति को 5 (पांच) रत्ती या 14 (चौदह) रत्ती का मूंगा कभी नहीं पहनना चाहिए।

गोमेद


राहु देव का गोमेद रत्न का वजन कम-से -कम 4 रत्ती, छह रत्ती (6), ग्यारह रत्ती (11) या फिर तेरह (13) रत्ती का धारण करना चाहिए, परन्तु भूलकर भी सात (7) रत्ती , दस (10) रत्ती, सोलह (16) रत्ती का गोमेद रत्न कभी भी नहीं पहनना चाहिए।

लहसुनिया


केतु का रत्न लहसुनिया का वजन कम-से-कम 4 रत्ती से लेकर 7 रत्ती तक पहनना चाहिए, परन्तु ध्यान रखनें योग्य बातें कभी भी किसी व्यक्ति को 13 रत्ती का लहसुनिया नहीं पहनना चाहिए।



महत्वपूर्ण सुझाव रत्न ज्ञान वेबसाइट के माध्यम से,

  • विशेषज्ञों के अनुसार आपको अपनी राशि के अनुसार ही रत्नों को धारण करना चाहिए। ऐसा करने से आपको रत्न पहनने का विशेष लाभ मिलता है। 
  • भूलकर भी व्यक्ति को अपने मर्जी या रोड वाले नकली बाबाओं से रत्न सलाह नहीं लेना चाहिए। 
  • यदि कोई भी व्यक्ति अपनी मर्जी से रत्न पहनता हैं तो उसका फल व्यक्ति को कदापि नहीं मिलता है।
  • सिंह राशि के जातक को भूलकर भी शनि रत्न नीलम नहीं पहनना चाहिए।
  • वृष राशि वाले जातक को कभी भी पुखराज और मूंगा रत्न धारण नहीं करना चाहिए। 
  • मेष राशि के जातक को पुखराज और पन्ना रत्न धारण नहीं करना चाहिए।

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Disclaimer: इस लेख में त्रुटियों का विशेष ध्यान रखा गया है,फिर भी किसी भी तरह के क्षतिपूर्ति के लिए रत्नज्ञान वेबसाइट की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।अधिक जानकारी के लिए डिस्क्लेमर पालिसी अवश्य पढ़े।

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