आरती श्री रामायण जी की (Aarti Shri Ramayan Ji Ki) हिंदी अर्थ सहित पढ़े एवं pdf डाउनलोड करे |
नमस्कार प्यारे भक्तों जैसा की हम सभी जानते हैं की हिन्दू धर्म में ग्रंथों का अत्यधिक महत्व है| वेद, पुराण, गीता, श्री रामचरितमानस जैसे महा काव्य को पूरा जगत सुनता है और सुनकर गौरवान्वित महसूस करता हैं| श्री राम चरित मानस पढने के बाद आरती श्री रामायण जी की -Aarti Shri Ramayan Ji Ki गाने का शास्त्रों में उल्लेख मिलता है| आपकी जानकारी के लिए बताना चाहूंगा की आरती श्री रामायण जी की आरती गाने से व्यक्ति का मन प्रफुल्लित हो जाता है| Aarti Shri Ramayan Ji Ki को व्यक्ति को साफ़ सुथरा होकर सच्चे मन से गाना चाहिए| भगवान पुरुषोत्तम भगवान शंकर जी के आशीर्वाद के साथ साथ माँ गौरा, माँ सीता और बीर बजरंग बली का भी आशीर्वाद यह आरती श्री रामायण जी की गाने से मिलता है| इस लेख में भगवान पुरुषोत्तम श्रीराम चन्द्र जी के अद्भुत ग्रन्थ श्री राम चरितमानस की आरती श्री रामायण जी की pdf | Aarti Shri Ramayan Ji Ki अर्थ सहित प्रस्तुत किया गया गया है| खासकर यहाँ पर आरती के साथ - साथ Ramayan Aarti In Hindi ( हिदी में रामायण आरती) अर्थात आरती श्री रामायण जी का हिंदी अर्थ क्या होता हैं को RATNGYAN WEBSITE के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है| आरति श्रीरामायनजी की।1। कीरति कलित ललित सिय पी की ।।2।। गावत ब्रह्मादिक मुनि नारद।3। बालमीक बिग्यान बिसारद।।4।। सुक सनकादि सेष अरु सारद ।।5।। बरनि पवनसुत कीरति नीकी ।।।6।।। गावत वेद पुरान अष्ट-दस ।।।7।।। छओ शस्त्र सब ग्रंथन को रस।।8।। मुनि जन धन संतन को सरबस ।9। सारअंस संमत सब-ही की।।10।। गावत संतत शम्भु भवानी ।11। अरु घट-संभव मुनि बिग्यानी।।12।। ब्यास आदि कबि-बर्ज बखानी ।13। काग-भुसुंडि गरुड के ही की ।।14।। कलि-मल हरनि बिषय रस फीकी ।15। सुभग सिंगार मुक्ति- जुबतीकी ।।16।।आरती श्री रामायण जी की - Aarti Shri Ramayan Ji Ki आरती श्री रामायण जी की | Aarti Shri Ramayan Ji Ki
आरती श्री रामायण जी की हिंदी अर्थ | Ramayan Aarti In Hindi |
आरति श्रीरामायण जी की।1। कीरति कलित ललित सिय पी की ।।2।।
हम सभी लोग श्री रामायण जी की आरती गाते हैं| श्री राम चरित मानस के द्वारा प्रभु श्री राम और माता जानकी जी के कीर्ति एवं मनोहर कथा का गुणगान कर रहे हैं|
गावत ब्रह्मादिक मुनि नारद।3। बालमीक बिग्यान बिसारद।।4।।
भगवान ब्रम्हा जी एवं नारद मुनि जी इस पवित्र रामायण आरती और ग्रन्थ का पथ करते हैं | भगवान ब्रम्हा जी के आशीर्वाद से प्रेरित होकर वाल्मीकि जी ने रामायण ग्रन्थ की रचना किया था|
सुक सनकादि सेष अरु सारद ।।5।। बरनि पवनसुत कीरति नीकी ।।।6।।।
हनुमान जी की कीर्ति का बखान शुक, शेषनाग, शारदा, चारों वेद करते हैं| वुद्धि और शक्ति दोनों रूपों में सर्वश्रेस्ठ हनुमान जी भगवान शंकर जी के अंश अवतार के रूप विख्यात हैं|
गावत बेद पुरान अष्टदस.7. छओ सास्त्र सब ग्रंथन को रस ।।8।।
अठारह पुराण, 6 शास्त्र एवं चारों वेदों का राज इस रामायण में छिपा हुआ है| इस प्रकार रामायण ही एकमात्र ऐसा ग्रन्थ हैं जिसमे सभी ग्रन्थ का रस मिल जाता है|
मुनि जन धन संतन को सरबस।9। सार अंस संमत सबही की।।10।।
श्री राम चरित मानस का रामायण ऋषियों, मुनियों, संतों, एवं संसार के सभी लोगों के लिए लिखा गया है| रामायण ग्रन्थ ही एक ऐसा ग्रन्थ है जिसका सार हर एक लोगों के लिए उच्च ज्ञान प्रदान करने वाला हैं|
गावत संतत शम्भु भवानी।11। अरु घट-संभव मुनि बिग्यानी।।12।।
श्री राम चरित मानस के रामायण की आरती तो स्वयं प्रभु भोलेनाथ और माँ गौरा एवं संत लोग भी गाते है| यहाँ तक की ऋषि मुनि कहते हैं रामायण जी की आरती से सूर्य प्रकाशित होता है|
ब्यास आदि कबि-बर्ज बखानी ।13। काग-भुसुंडि गरुड के ही की ।।14।।
महर्षि वेदव्यास जी एवं कबीर दास जी के द्वारा भी श्री रामायण जी का गुणगान किया गया है| गरुण देव के सामने काग्भुसुन्दी जी ने श्री राम चरित मानस का पाठ किया था|
कलि मल हरनि बिषय रस फीकी।15। सुभग-सिंगार मुक्ति जुबती की ।।16।।
कलियुग के समस्त पापों से दूर हो जाते हैं जो भी व्यक्ति रामायण के भाव को समझ जाते हैं| जो भी व्यक्ति श्री राम चरित मानस में प्रभु श्री राम चन्द्र जी के आदर्शों पर चलता है उस व्य्यक्ति के मुक्ति के द्वार शीघ्र खुल जाते हैं और व्यक्ति भवसागर से पर हो जाते है|
दलन रोग भव मूरि अमी की।17। तात मात सब बिधि तुलसी की।।18।।
श्री रामायण जी की आरती सुनने मात्र से व्यक्ति के सभी तरह के रोग, दोष तत्काल नस्ट हो जाते हैं| श्री रामायण ग्रन्थ सुनने से माता तुलसी की कृपा व्यक्ति पर बना रहता है और व्यक्ति का उद्धार शीघ्र हो जाता है|
आरती श्री रामायण जी की PDF
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