Satyanaryan Aarti (ओम जय लक्ष्मी रमणा स्वामी जय लक्ष्मी रमणा)

सत्यानारण भगवान की आरती खासकर जब सत्यनारायण कथा हो तो विशेष रूप से विद्वानों द्वारा पढ़ा जाने वाला आरती है| विशेष रूप से जो सत्यानारण भगवान् की आरती Satyanaryan Aarti (ओम जय लक्ष्मी रमणा स्वामी जय लक्ष्मी रमणा) को कम से कम गुरुवार के दिन प्रेमपूर्वक पढ़ते है भगवान सत्यनारायण जी की कृपा के पात्र हो जाते हैं| 

ऐसे व्यक्ति को अपार, वैभव, ऐश्वर्य, सुख -समृद्धि में वृद्धि के लिए  यह आरती- Satyanaryan  Aarti (ओम जय लक्ष्मी रमणा स्वामी जय लक्ष्मी रमणा) रामबाण है|

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Satyanaryan Aarti (ओम जय लक्ष्मी रमणा स्वामी जय लक्ष्मी रमणा)

आइये पढ़ते है:Satyanaryan Aarti (ओम जय लक्ष्मी रमणा स्वामी जय लक्ष्मी रमणा)

Satyanaryan Aarti (ओम जय लक्ष्मी रमणा स्वामी जय लक्ष्मी रमणा)

ओम जय लक्ष्मी रमणा।।
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा।।
सत्यनारायण स्वामी।।।
जन पातक हरणा।।
ओम जय लक्ष्मी रमणा।।
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा।।
रत्न जड़ित सिंहासन।।
अद्भुत छवि राजै।।
नारद करता निरंजन।।
घंटा ध्वनि बाजे।।
ओम जय लक्ष्मी रमणा।।
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा।।
सत्यनारायण स्वामी।।
जन पातक हरणा।।
प्रकट भए कलि कारण।।
द्विज को दर्श दियो।।
बूढ़ा ब्राह्मण बनकर।।
कांचन महल कियो।।
ओम जय लक्ष्मी रमणा।।
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा।।
सत्यनारायण स्वामी।।
जन पातक हरणा।।
दुर्बल भील का थारो।।
जिन पर कृपा करी।।
चंद्रचूड़ एक राजा।।
तिनकी विपत्ति हरी।।
ओम जय लक्ष्मी रमणा।।
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा।।
सत्यनारायण स्वामी।।
जन पातक हरणा।।
वैश्य मनोरथ पायो।।
श्रद्धा ताज दीन्हों।।
सो फल भोग्यो प्रभुजी।।
फिर स्तुति कीन्हीं।।
ओम जय लक्ष्मी रमणा।।
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा।।
सत्यनारायण स्वामी।।
जन पातक हरणा।।
भाव भक्ति के कारण।।
छिन छिन रूप धरयो।।
श्रद्धा धारण कीनी।।
तीनको काज सरयो।।
ओम जय लक्ष्मी रमणा।।
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा।।
सत्यनारायण स्वामी।।
जन पातक हरणा।।
ग्वाल बाल संग राजा।।
वन में भक्ति करी।।
मनवांछित फल दीन्हों।।
दीनदयाल हरी।।
ओम जय लक्ष्मी रमणा।।
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा।।
सत्यनारायण स्वामी।।
जन पातक हरणा।।
चढ़ते प्रसाद सावायो।।
कदली फल मेवा।।
धूप दीप तुलसी से।।
राजी सत्य देवा।।
ओम जय लक्ष्मी रमणा।।
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा।।
सत्यनारायण स्वामी।।
जन पातक हरणा।।
श्री सत्यनारायण जी की आरती।।
जो कोई नर गावे।।
भगत दास तन मन सुख संपति।।
मनवांछित फल पावे।।
ओम जय लक्ष्मी रमणा।।
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा।।

प्यारे भक्तों सत्यनारायण भगवान की यह आरती -Satyanaryan  Aarti (ओम जय लक्ष्मी रमणा स्वामी जय लक्ष्मी रमणा) पढ़ कर आप सभी लोगों को अच्छा लगा होगा क्योंकि इस आरती की खासबात यह है की यदि कोई जातक सत्यनारायण भगवान को मानता है तो यह आरती अवश्य पढना चाहिए क्योंकि सत्यनारायण भगवान की कृपा से ही व्यक्ति को सभी सुख की प्राप्ति होती हैं| अतः आप सभी लोग Satyanaryan Aarti जब भी टाइम मिले अवश्य पढ़े |

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