जन्म कुंडली के 12 भावों में सूर्य के अशुभ फल के उपाय | Janam Kundli Ke 12 Bhav Me Surya Ke Ashubh Fal Ke Upay |
जन्म कुंडली में सूर्य का बलवान होना बहुत ही अच्छा माना जाता है | जिस भी व्यक्ति के कुंडली में सूर्य बलवान अर्थात जन्मकुंडली में सूर्य शुभ होता है तो ऐसे जातक जिन्दगी में कामयाब जरूर हो जाते हैं इसलिए कुंडली में सूर्य का बलवान होना चाहिए , परन्तु सभी लोगों की कुंडली एक जैसी नहीं होती है प्रायः यह देखा गया है की कुंडली में यदि सूर्य अशुभ हैं तो व्यक्ति जिन्दगी में असफल रहता है |
जन्म कुंडली के 12 भावों में सूर्य के अशुभ फल के उपाय | Janam Kundli Ke 12 Bhav Me Surya Ke Ashubh Fal Ke Upay | |
सूर्य के अशुभ फल के उपाय |Surya Ke Ashubh Fal Ke Upay
जैसा की ऊपर आप सभी लोग अपनी जन्मकुंडली के अनुसार सूर्य के अशुभ फलों के बारें में जान गये होंगे लेकिन अब आप लोगों के मन में यह प्रश्न जरूर आ रहा होगा की सूर्य के अशुभ फल के उपाय (Surya Ke Ashubh Fal Ke Upay) क्या किया जाए जिससे की सूर्य देव की कृपा मिले इसी से सम्बंधित उत्तर आपको यहाँ पर पहले घर से लेकर 12 घर या भाव में सूर्य के शुभ फलों की प्राप्ति हेतु उपाय दिया गया है |
प्रथम भाव में सूर्य के अशुभ फल के उपाय:
- सूर्य के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए पूर्वज अर्थात पैतृक मकान में हैंड पंप लगवाना चाहिए।
- जातक को अपना चरित्र उत्तम बनाए रखना चाहिए एवं परस्त्री सुखों से बचना चाहिए।
दूसरे भाव में सूर्य के अशुभ फल के उपाय:
- यदि सूर्य दूसरे भाव में हो तो निम्न उपाय जातक को करना चाहिए
- शनिदेव के वस्तु का दान करना चाहिए यथासंभव।
- शनिदेव के बीजमंत्रो का जाप करना चाहिए।
- शनि चालीसा शनिवार के दिन 101 बार पढ़ना चाहिए। ध्यान रहे यह उपाय पांच शनिवार के दिन करने है।
- नारियल, सरसों का तेल, काला उड़द, बादाम का धार्मिक स्थल पर दान करना चाहिए।
- नोट व्यक्ति को स्वयं किसी से भी मुफ्त में कोई सामान नहीं लेना चाहिए यदि सूर्य धनभाव अर्थात दूसरे भाव में स्थित हो।
तीसरे भाव में सूर्य के अशुभ फल के उपाय:
- यदि सूर्य तीसरे भाव में हो तो निम्न उपाय जातक को करना चाहिए।
- जातक के यदि तीसरे भाव में सूर्य हो तो सदा आचरण दुरुस्त बनाए रखना चाहिए।
- जातक को घूसखोरी, चोरी से दूर रहना चाहिए नहीं तो सूर्य शुभ फल कभी भी नहीं प्रदान करता हैं,भले ही जन्मकुंडली में सूर्य शुभ स्थिति में क्यों न स्थित हो।
चौथे भाव में सूर्य के अशुभ फल के उपाय:
- पैतृक घर के आसपास के नेत्रहीन की सेवा करना और उनकी यथा स्थिति मदद करना चाहिए।
- ध्यान रहे अशुभ स्थिति के कारण कभी भी लोहे लकड़ी का काम नहीं करना चाहिए। और वस्त्र, सोना, चांदी का व्यापार अवश्य करना चाहिए।
पांचवे भाव में सूर्य के अशुभ फल के उपाय:
- लाल मुंह के बंदरों की सेवा करनी चाहिए।
- पंछी, मुर्गा, एवं बच्चों का पालन पोषण करना चाहिए।
- घर के पूर्व दिशा में रसोई घर का निर्माण कराना चाहिए।
छठवे भाव में सूर्य के अशुभ फल के उपाय:
- पैतृक घर की पीछे दीवार में रोशनदान कभी नहीं रखना चाहिए।
- धार्मिक स्थान पर दान दी गई वस्तु अपने पास रखना चाहिए।
सप्तम भाव में सूर्य के अशुभ फल के उपाय:
- जातक को नमक कम खाना चाहिए|
- मीठा पदार्थ मुंह में डालकर अथवा पानी पीकर प्रत्येक कार्य का शुभारंभ करना चाहिए
- भोजन करने से पूर्व रोटी के टुकड़े को की आहुति अग्नि में देना चाहिए।
अष्टम भाव में सूर्य के अशुभ फल के उपाय:
- आठवें भाव में सूर्य कि अशुभ स्थितियों के लिए काली गाय की सेवा करनी चाहिए और बड़े भाई की सेवा करनी चाहिए|
- जिस भवन का द्वार दक्षिण दिशा में हो उस भवन में कदापि नहीं रहना चाहिए मीठा खाकर पानी पी कर ही कोई नया कार्य करना चाहिए।
नवम भाव में सूर्य के अशुभ फल के उपाय:
- चंद्रमा की वस्तुओं का दान करना चाहिए।
- जातक को स्वयं कोई दान नहीं लेना चाहिए।
- घर में पीतल के पुराने बर्तन रखने चाहिए।
- पाप कर्मों से बचना चाहिए।
दसवें भाव में सूर्य के अशुभ फल के उपाय:
- सफेद रंग की टोपी या पगड़ी से हमेशा जातक को सर ढक के रखना चाहिए
- काले और नीले रंग के वस्त्र का प्रयोग करना चाहिए
- नगर में कुआं हैंड पंप और पानी की व्यवस्था जगह-जगह पर कराना चाहिए।
- गंगाजल घर में रखना चाहिए और नदी नाले के बहते पानी में 40 या 83 दिन तक ताबे का पैसा बहाना चाहिए।
ग्यारहवें भाव में सूर्य के अशुभ फल के उपाय:
- रात में सोते समय सिर के पास पांच मूल्य बदाम रखें और अगले दिन प्रातः काल मंदिर में दान स्वरूप दे देने से जातक को संतान की प्राप्ति होती है। और जातक दीर्घायु होता है।
- जातक को शराब, मांस के सेवन से परहेज करना चाहिए।
- झूठी गवाही देने से बचना चाहिए।
- जातक को धोखाधड़ी भी नहीं करना चाहिए।
बारहवें भाव में सूर्य के अशुभ फल के उपाय:
- किसी जातक की कुंडली में यदि सूर्य बारहवें भाव में स्थित है तो ऐसे जातक को निम्न कार्य नहीं करना चाहिए।
- राहु से संबंधित कार्य नहीं करना चाहिए।
- ससुराल का भी कोई कार्य नहीं करना चाहिए।
- आटा पीसने की चक्की घर पर रखना चाहिए।
- हमेशा उजाला वाले घर में रहना चाहिए अंधकार घर में कभी नहीं रहना चाहिए।
- धोखाधड़ी झूठी गवाही असत्य बातों को बोलने से बचना चाहिए।