शंकर जी की पूजा क्यों करना चाहिए और शंकर जी की पूजा करने से लाभ क्या है?

शंकर जी की पूजा सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति प्रदान करता है। मैं खुद एक शिव भक्त होने के नाते यह आर्टिकल लिख रहा हूं कि शंकर जी की पूजा क्यों करनी चाहिए और शंकर जी की पूजा की विधि क्या है और साथ ही साथ कम समय में शंकर जी की पूजा मात्र 5 मिनट में कैसे करे. और शंकर जी की पूजा में क्या क्या लगता है, से संबंधित लेख का समावेश किया गया है। और मैं खुद भगवान शिव की पूजा अर्चना जितना संभव हो पाता है करता भी हूं। शिवमहापुराण में शिवलिंग के उपाय भी खूब दिए गए है। यदि व्यक्ति इन उपायों को करता है तो निश्चित ही लाभ ही लाभ होता है।

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भगवान शंकर जी एक ऐसे देव है जो अपने भक्तों का रक्षा करते है और कभी संकट आने नहीं देते हैं अपने भक्तों पर। शंकर जी के प्रिय दिवस सोमवार के दिन जो भी जातक भगवान शंकर जी की पूजा करते है तो निश्चित रूप से भगवान शंकर जी प्रसन्न हो जाते है। शंकर जी की पूजा किसी भी तरीके से व्यक्ति करता रहता है तो व्यक्ति के जीवन के समस्त कार्य स्वत: ही पूर्ण होने लगते हैं। शंकर जी को मनाना बहुत ही आसान है। और कहा भी गया है जिसके नाथ भोलेनाथ है वह अनाथ कैसे हो सकता है। शंकर जी की पूजा की महिमा का गुणगान शिव महापुराण में बहुत विस्तृत रूप से मिलता है। शंकर जी की पूजा करने से व्यक्ति के रोग, दोष, पीड़ा, शत्रु से मुक्ति जरूर मिल जाती है। कोई व्यक्ति यदि प्रत्येक दिन शंकर जी के शिवालय जाकर भगवान शिव को जल ही चढ़ा देता है तो व्यक्ति के सभी ग्रह शुभ फल प्रदान करने लगते हैं। शंकर जी संकट का नाश करने वाले है। शंकर जी पूरे विश्व का कल्याण करने वाले है और इनकी पूजा कोई भी भक्त सच्चे मन से करता है तो उस व्यक्ति को भगवान शिव के चरणों में परम अनुराग की प्राप्ति हो जाता है।

भगवान शंकर जी की पूजा मन की शांति, सभी सुखों की प्राप्ति के लिए जरूर करना चाहिए

शंकर जी की पूजा करने से व्यक्ति मृत्यु रूपी बंधन से मुक्त हो जाता है और मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। शंकर जी की भक्ति हर तरह से करना व्यक्ति के लिए लाभकारी है।

भगवान शिव को त्रिनेत्र कहा जाता है। अर्थात जिनके तीन नेत्र हैं। और त्रिभुवन के स्वामी इनकी पूजा करने का महात्म ही शिव महापुराण में काफी विस्तृत में वर्णित है। भगवान शंकर अपने भक्तों पर आने वाले हर बलाओं को तुरंत ही टाल देते हैं। कहते हैं की जिस भक्त पर भगवान शिव की कृपा बरसता है फिर भक्त पर संकट आने को तरसता है। क्योंकि भगवान शंकर की पूजा करने से सभी ग्रह शांत रहते है और कभी भी व्यक्ति का अमंगल नहीं होता है। अगर सुख शांति समृद्धि ऐश्वर्य वैभव इत्यादि चाहिए तो व्यक्ति को भगवान शंकर जी की शरण में जाना चाहिए। ज्योतिषाचार्य गौरव कहते हैं जो भगवान शंकर की माया को समझ गया वो निखर गए, बाकी तो सब बिखर गए। कहने का तात्पर्य यह है कि जो व्यक्ति भगवान शंकर जी की पूजा भक्ति में मन लगाता है वह भगवान शंकर जी की माया को समझ जाता है और जो व्यक्ति मद लोभ घमंड में पड़ा रहता है वह बिखर ही जाता है। इसलिए भगवान शंकर की पूजा अवश्य करना चाहिए।

शंकर जी की पूजा विधि

शंकर जी की पूजा की विधियां तो बहुत हैं। लेकिन यहां पर सिर्फ और सिर्फ उसी विधि की चर्चा करेंगे जो आप लोग स्वयं कर लें। क्योंकि मेरे समझ से कुछ धार्मिक अनुष्ठान बिना पंडित विद्वान के संपन्न करना आम इंसान के लिए संभव नहीं है। आप से बताना चाहेंगे की इस बात का संशय बिलकुल भी न करे कि यदि पूजा विधि मेरे द्वारा बताए गए अनुसार आप लोग करेंगे तो फल मिलेगा की नहीं। क्योंकि किसी भी तरह से आप भगवान शंकर जी की पूजा करते हैं तो आपको फल मिलना ही है।

शंकर जी की पूजा करने की विधि बहुत सरल है

भगवान शंकर जी की पूजा की विधि बहुत ही सरल है बस आपको अपने ऊपर भरोसा होना चाहिए की जो पूजा आप लोग शंकर जी की कर रहे हैं उसका फल आपको अवश्य मिलेगा। यह मेरा व्यक्तिगत अनुभव रहा है कि आप इस मनोकामना और सकारात्मक दृष्टिकोण से शंकर जी की पूजा करते है तो पूजा का फल भी मिलेगा और जिस भी मनोकामना के साथ पूजा कर रहे है वह भी शीघ्र भोलेनाथ पूर्ण कर ही देते है। 
आइए जानते है शंकर जी के पूजा की विधि,
  1. सबसे पहले सुबह के समय दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर अपने मन को एकाग्र कर लेना है।
  2. मंदिर की साफ सफाई कर लेनी है।
  3. एक तांबे के लोटा में साफ जल ले लेना हैं। और इसमें यथाशक्ति अनुसार 1 बेलपत्र, 2 दाना मिश्री के, 5 दाना अखंडित चावल, पीला चंदन एवं एक बूंद कम से कम गंगाजल मिला ले यदि उपलब्ध है तो।
  4. फिर एक आसान अपने बैठने के लिए लगाना हैं।
  5. भगवान शंकर जी की प्रतिमा आपके मंदिर में अवश्य होना चाहिए।
  6. इच्छाशक्ति के अनुसार दीपक यदि घी का जलाते है तो अति उत्तम है।
  7. दीपक जलाने के मंत्र के साथ दीपक को प्रज्वलित करें।
  8. अब सबसे साधारण मंत्र लेकिन सबसे कारगर मंत्र ॐ नमः शिवाय का 108 बार, 51 बार, 21 बार कम से कम जप करें।
  9. जाप करते समय रुद्राक्ष की माला हो तो अति उत्तम है।
  10. जिस भी मनोकामना के साथ आप शंकर जी की पूजा विधि कर रहें है वह मनोकामना शंकर जी को पूजा में सौप दीजिए।
  11. जब जाप पूरा हो जाए तो लोटे वाले जल को ले जाकर शिवलिंग पर अर्पित कर दें। *ध्यान रहे अपने मनोकामना मन ही मन पुनः कहते हुए जल अर्पित करें।

शंकर जी की पूजा कम समय में कैसे करें

इस कलयुग में भक्ति तो हर इंसान समय समय पर करता ही है लेकिन एक ज्योतिष होने के कारण बहुत से लोगों का मुझ से प्रश्न भी था कि गुरु जी समय का अभाव है तो हम हर दिन कैसे पूजा करें शंकर जी की। इस पर बहुत मंथन मैने किया और सोचा की क्या भगवान का भक्त और स्वयं के कल्याण के लिए इतना समय नहीं निकाल सकता है। तो हम निष्कर्ष भी इसका निकाला कि शंकर जी की पूजा कम समय में कोई भाई बहन माता बहनें कैसे करें कि उनको फल मिल जाए।

आजकल बहुत से लोग ऐसे हैं जिनको पूजा करने का तो बहुत शौक है और भगवान शंकर जी में अटूट विश्वास भी रखते हैं लेकिन समय का अभाव है तो ऐसे में प्रश्न आता है कि कम समय में भगवान शंकर जी की पूजा कैसे किया जाए। 

आइए बहुत ही छोटा उपाय बताता हूं कि आप कैसे शंकर जी की पूजा बहुत कम समय में कर सकते हैं।
  1. सभी दैनिक कर्मों से मुक्त होकर मंदिर में बैठ जाइए।
  2. एक लोटा जल ले लीजिए उसमे कम से कम मिश्री, पुष्प, विल्वपत्र डाल लीजिए।
  3. ॐ नमः शिवाय का मंत्र जाप करते रहिए ।
  4. साथ ही साथ दीपक प्रज्वलित जरूर कर दीजिए।
  5. धूप बत्ती प्रभु को दिखा दिखाइए।
  6. फिर जल ले जाकर शिवलिंग पर चढ़ा दीजिए।
*यह उपाय मात्र पांच मिनट में भगवान शंकर जी की पूजा कर सकते हैं। बहुत ही छोटा और सरल विधि यही है। अतः बिना किसी संशय के जो भी भक्त के पास समय का अभाव है तो वह इस तरह से भगवान शिव को खुश रख सकते हैं।

शंकर जी की पूजा में क्या क्या लगता है?

शंकर जी की पूजा की अलग अलग प्रकार है। क्योंकि रुद्राभिषेक कराना चाहते हैं तो उसमे अलग सामग्री लगता है और यदि कोई भक्त जलाभिषेक कराना चाहते हैं तो इसकी अलग सामग्री है। यहां पर सामन्य रूप से शंकर जी की नित्य पूजा में क्या क्या लगता है इसकी चर्चा किया जा रहा है। यदि आपको रुद्राभिषेक और जलाभिषेक में क्या क्या लगता जय तो अगले लेख में इसकी चर्चा की जाएगी।

आइए जानते हैं शंकर जी की पूजा में क्या क्या लगता है,

जानकारी के लिए बताना चाहेंगे शकर जी को भांग, धतूरा, बेलपत्र, पीला चंदन, पीला जनेऊ, काला तिल, गंगाजल, गन्ने का रस, दही, इत्र, गाय का दूध मुख्य रूप से शंकर जी की पूजा में लगता है। इसके अलावा भी बहुत से ऐसे आइटम है जो शंकर जी की पूजा में लगता है। जैसे आर्क का फूल, बैगन, पुष्प इत्यादि भी शंकर जी की पूजा में प्रयोग किया जाता है।

कैसे जाने शंकर जी पूजा स्वीकार कर रहे हैं-

भगवान शंकर जी में अपरंपार शक्ति है जिसकी कितनी भी गुणगान की जाए कम ही है। भगवान शंकर जी बहुत ही जल्दी अपने भक्तों की पूजा स्वीकार कर लेते है। यह तो मैं भी मानता हूं एक बात लोग पहले कहते थे लेकिन इसका प्रमाण भी देखने को मिला की भगवान शंकर जी असंभव को संभव कर देते हैं। शंकर जी की पूजा जो व्यक्ति निस्वार्थ भाव से करते हैं तो उनकी बात ही अलग है। क्योंकि ऐसे भक्त तो बहुत कम होते है। जब किसी भक्त पर शंकर जी खुश होते हैं तो कुछ घटना घटित होने लगती है और इसी से पता चलता है की शंकर जी व्यक्ति की पूजा स्वीकार कर रहें हैं। कोई भी भाई बहन यदि बहुत परेशान है और शंकर जी की पूजा निसदिन करते हैं तो शंकर जी की कृपा भक्त पर बनी रहती है और परेशानियों से मुक्ति मिलती है आपको इसका संकेत कई तरह से देखने को मिल सकता है। भगवान शंकर जी सपने में भी दिखाई दे सकते है। भगवान शंकर जी का शिवलिंग भी सपने में दिखाई देते है। ऐसे बहुत से कारण होते हैं जिनसे आपको स्वयं लगने लगेगा की भगवान शिव पूजा स्वीकार कर रहे हैं।

शंकर जी की पूजा करने से लाभ

शंकर जी की पूजा करने से लाभ कितने है इसकी तो गिनती नहीं है क्योंकि कण में प्रभु का वास है जो भगवान शंकर के पत्थर को भी पूज लेता है इस कलयुग में तो उसका मंगल ही मंगल होने लगता है तो आप इसी बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि शंकर जी की पूजा करने के कितने लाभ हो सकते हैं।

आइए जानते हैं, शंकर जी की पूजा करने से लाभ
  1. शंकर जी की पूजा किसी मनोकामना के साथ करते हैं तो शंकर जी शीघ्र प्रसन्न होकर व्यक्ति की मनोकामना पल भर में पूर्ण कर देते हैं। बस शिव नाम पर भरोसा होना चाहिए।
  2. शंकर जी की पूजा चाहे जल शिवलिंग पर चढ़ाएं या फिर ॐ नमः शिवाय का जाप करे तो शंकर जी व्यक्ति के साथ हमेशा रहते हैं।
  3. यदि कोई व्यक्ति शंकर जी की पूजा करते हैं तो राहु केतु अपने समस्त अशुभ प्रभाव का त्याग करते है क्योंकि शिवलिंग पर जो सर्प है उससे जलधारा अर्पित करने से राहु केतु कुंडली में कितने भी अशुभ हो सम हो जाते है।
  4. शंकर जी की पूजा करने वाले व्यक्ति के अंदर अहंकार नहीं आता है। क्योंकि शिवत्व को को जान लेता है वह कभी अहंकारी हो ही नहीं सकता है।
  5. बार बार काम में विघ्न आ रहा है शत्रु तंग कर रहे है तो शंकर जी की पूजा करने से तुरंत ही लोगों को लाभ मिलने लगता हैं।
  6. शंकर जी की पूजा करने से शत्रु भी मिलते हो जाए है।
  7. सप्ताह के सात दिन अर्थात प्रत्येक दिन जो भगवान शंकर जी की पूजा करते हैं तो शिवमहापुराण के अनुसार ऐसे व्यक्ति के कुंडली में कितने भी अशुभ ग्रह हो वे हमेशा शुभ फल देने के लिए बाध्य हो जाते हैं।
  8. वैवाहिक समस्या से निजात पाने के लिए और गृहस्थ जीवन में मधुर परिणाम देखने को मिलते है भगवान शंकर जी की पूजा करने से।
  9. भगवान शंकर जी की पूजा करने से उच्च कोटि के संतान का जन्म घर में होता है और ऐसा बालक व्यभिचारी भी नहीं होता है। अर्थात कुलोन की मान मर्यादा का पालन करने वाला होता है।
  10. जो लोग काफी असहज महसूस करते हैं वे अगर भगवान शंकर जी पूजा करते हैं तो उनका समाधान भगवान शंकर जी स्वयं कर देते हैं।
  11. भगवान भोलेनाथ जी को मृत संजीवनी भी कहते है जिनके ही हाथ में मृत्यु से रक्षा करने का अमरत्व वरदान है और जो व्यक्ति शंकर जी की पूजा करता है वह जन्म और मृत्यु के बंधन से मुक्त हो जाता है और भगवान शिव के चरणों में स्थान पा जाता है।

निष्कर्ष

आशा करते हैं कि ज्योतिषाचार्य गौरव के द्वारा लिखी गई लेख आप सभी लोगों को पढ़कर अच्छा लगा होगा। भगवान भोलेनाथ की पूजा सभी सुखों की प्राप्ति का सबसे उत्तम साधन है और पूजा करने की विधि भी सबसे ज्यादा सरल है। बस श्रद्धा लगन के साथ आप भगवान शिव को अपने आपको समर्पित करदे फिर देखिए भगवान भोलेनाथ की कृपा कैसे बरसती है आप पर। अंत में इतना कहना चाहूंगा भगवान शंकर जी के महिमा की कितनी गुणगान की जाए कम हैं। क्योंकि शंकर जी जिन भक्तों पर प्रसन्न हो जाते है उनकी सभी संकटों से रक्षा करते हैं।

डिस्क्लेमर

यहां पर लिखी गई आर्टिकल का उद्देश्य धार्मिक अनुष्ठान पूजा विधि की जानकारी प्रदान करना है। अतः इस लेख को जानकारी समझकर ही पढ़ें। RATNGYAN- Complete Knowledge of Indian Astrology वेबसाइट किसी भी लेख की प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है। यदि आप कोई उपाय करते हैं तो उपाय संबंधित जानकारी किसी विद्वान से संपर्क करे ही करें।
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