क्या कुंडली दिखाए बिना सूर्य को अर्घ्य दे सकते हैं?
नमस्कार प्यारे भक्तों "RATNGYAN- Complete Knowledge of Indian Astrology" में आप सभी लोगों का स्वागत करते हैं। भगवान सूर्य देव को कलयुग में बहुत आसानी के साथ प्रतिदिन देखा जाता है। और जो व्यक्ति सूर्य देव को अर्घ्य देता है तो उसकी सभी मनोकामनाएं शीघ्र ही सूर्य देव पूरी कर देते हैं।
बहुत से लोग जब किसी विद्वान, पुरोहित से कुंडली दिखा लेते है और विद्वान पुरोहित के कथन के अनुसार सूर्य देव से संबंधित उपाय करते है। अर्घ्य देते है एवं आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ इत्यादि करते हैं।
इस आर्टिकल में क्या कुंडली दिखाए बिना सूर्य को अर्घ्य दे सकते हैं? से संबंधित जानकारी प्रस्तुत की गई है। यदि किसी भी तरह की अन्य जानकारी आपलोगो को पूजा पाठ, व्रत, नौ ग्रह शांति उपाय जानना है तो जरूर संपर्क करें।
आइए जानते हैं कि क्या कुंडली दिखाए बिना सूर्य को अर्घ्य दे सकते हैं?
प्रायः हम सभी भक्तों के मन में इस तरह के प्रश्न तो आते ही होंगे। भगवान सूर्य देव के प्रति जिन लोगों की आस्था हो जाती है या सूर्य देव से संबंधित उपाय जब किसी विद्वान के द्वारा बताया जाता है तो प्रश्न आना स्वाभाविक है। सूर्य भगवान को प्रसन्न कैसे करें? क्या भगवान सूर्य देव की पूजा बिना कुंडली दिखाएं कर सकते हैं? इन सब का उत्तर यहां पर मिल जायेगा।
भगवान सूर्य को पूजना बहुत आसान है। और बिना किसी भ्रम के निसंकोच मन से बिना कुंडली का विश्लेषण किए कोई भी माता भाई बहने सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित कर सकती हैं।
ज्योतिषाचार्य गौरव के अनुसार जन्म कुंडली से ग्रहों और दोषों के शुभ अशुभ प्रभाव को जानने के लिए कुंडली देखा जाता है। लेकिन कोई भी भक्त किसी भी देवी या देवता की पूजा कर सकता है। इसका कुंडली से कोई लेना देना नहीं है। रही बात सूर्य को अर्घ्य देने की तो भगवान सूर्य को अर्घ्य दे सकते है।
भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के दो फायदे है
एक तो जिनके कुंडली में सूर्य 6, 8, 12 भाव में बैठा हो तो ऐसे जातक रत्न (GEMSTONES) नहीं धारण कर सकते है। तो ऐसे जातक यदि बिना कुंडली दिखाएं सूर्य को अर्घ्य देते हैं तो सूर्य अपने अशुभ फल को कभी नहीं देता है।
दूसरा यदि सूर्य शुभ भाओं में है परंतु कुछ ग्रहों की अशुभ दृष्टि पड़ रही है तो यदि कोई जातक बिना कुंडली दिखाएं सूर्य को अर्घ्य देता है तो सूर्य सदेव शुभकारी परिणाम ही देता है।
महत्वपूर्ण नोट
केवल और केवल रत्नशास्त्र के अनुसार बिना कुंडली दिखाएं रत्न धारण नहीं करना चाहिए किसी भी व्यक्ति को बाकी कोई जरूरी नहीं है कि सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए कुंडली दिखाया जाए।
सूर्य को अर्घ्य देने के फायदे
रत्नशास्त्र में भगवान सूर्य के प्रमुख रत्न माणिक को जिस प्रकार रत्नों का राजा कहते हैं उसी प्रकार ज्योतिष शास्त्र में सूर्य देव को ग्रहों का राजा कहते हैं। सूर्य देव की कृपा यदि किसी व्यक्ति पर हो तो व्यक्ति पूरी उम्र तरक्की करता है। सूर्य देव को अर्घ्य देना बहुत ही आसान काम है जो कोई भी व्यक्ति हर दिन बड़े आसानी से कर सकते है।
आइए जानते है सूर्य देव को अर्घ्य देने के फायदे के बारे मे
- रोजगार में उन्नति नहीं हो रही है तो व्यक्ति सूर्यदेव को नित्य अर्घ्य देना शुरू करदे तो जल्द ही फायदा मिलने लगता है।
- सूर्य देव को अर्घ्य देने से व्यक्ति को समाज में खूब ज्यादा सम्मान मिलता है।
- सूर्य देव को अर्घ्य देने से व्यक्ति को बीमारी, रोग से छुटकारा मिलता है।
- सूर्य देव को हर दिन जल देने से जातक को पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है।
और भी कुछ अन्य फायदे है कुछ ही दिन के पश्चात जब आप अर्घ्य देना शुरू करते है तो खुद बखुद आपको भी पता चलने लगेगा। अंत में इतना कहना चाहूंगा कि सूर्यदेव को प्रसन्न रखना यदि सफलता पाना चाहते हो तो क्योंकि लाख उपाय तो इंसान कर लेता है लेकिन व्यक्ति कामयाब न हो तो सब बेकार है। मेरा खुद का अनुभव है कि जो भी व्यक्ति भगवान सूर्य देव को पूजता है वह निश्चित ही सफल हो जाता है।