ईश्वर को खुश रखना है, तो यह चार आदत अपने अंदर से त्याग दीजिए | Ishwar Ko Khush Kaise Rakhe |

जय मां काली प्यारे भक्तों जीवन में हम सभी भक्ति पूजा पाठ तो खूब करते हैं, इसलिए कि जिससे ईश्वर प्रसन्न हो जाए और सारे काम बनने लगे. लेकिन उस परमपिता परमेश्वर को पाने के लिए कुछ आदतों का परित्याग करना पड़ता है, तभी ईश्वर अपने भक्तों से खुश होता है. खूब पूजा पाठ कर लो मंदिर चले जाओ लेकिन मां बाप गरीबों की सेवा, चोरी करना, घूसखोरी करना अगर जहन में बस गया है, तो ईश्वर कभी भी खुश नहीं हो सकते हैं। इस आर्टिकल में कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई गई है कि किन आदतों का परित्याग कर देने से ईश्वर खुश हो सकते हैं.
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ईश्वर को खुश रखना है तो यह चार आदत अपने अंदर से त्याग दीजिए | Ishwar Ko Khush Kaise Rakhe-

श्री राम चरित मानस में लिखा भी है कि काम, क्रोध, मद, लोभ यह चार चीजें ऐसे हैं जो किसी भी इंसान के अंदर अगर आ गया तो उस इंसान की जिंदगी नरक के समान हो जाती है अतः ईश्वर को खुश करने के लिए काम क्रोध मद लोभ का त्याग इंसान को अवश्य ही कर देना चाहिए.

कर्मों की खेती बड़े अच्छे से इस संसार में होती है और जैसा जो कर्म करता है वैसे ही कर्मों की खेती का फल भोग के इस संसार से इंसान विदा होता है.

 1. ईर्ष्या:

कोई भी इंसान अपने आपको कितना भी सफल कह ले परंतु यदि उस इंसान के मन में लोगों से ईर्ष्या की भावना रहती हो लोगों को आगे बढ़ते हुए देखकर जलन की भावना आने लगे तो ऐसे व्यक्ति प्रायः जीवन में सफल हो नहीं पाते हैं और अगर किसी कारणवश सफल हो भी गए तो क्षण मात्र के लिए क्योंकि ईर्ष्या अर्थात जलन करने से ईश्वर कभी खुश नहीं होते हैं.

2. लालच: 

जिस व्यक्ति का स्वभाव लालची हो जाता है, वह प्रायः ही परेशान रहता है. और लालची प्रवृत्ति होने के कारण वह चोरी जैसे कुकर्मों को करने पर मजबूर हो जाता है. वैसे भी जो लोग लालच करते है या फिर जिनके स्वभाव में लालचपन आ जाता है वह धीरे - धीरे स्वयं की जिंदगी नरक बना लेते हैं इसमें कोई संशय नहीं है. यदि आप अपने अंदर झांक के देखें और लालच प्रवृत्ति को हमेशा हमेशा के लिए अवश्य खत्म कर दें क्योंकि लालची लोगों से ईश्वर कभी खुश नहीं रहता है.

3. घमंड:

ज्योतिषाचार्य गौरव के अनुसार घमंड करना है तो ईश्वर पर करो अपने पर क्या करते हो और ऐसा देखा भी जाता है लोग पल भर में अपने कामयाबी का डंका खुद से घमंड में चूर होकर ऐसे बजाते है की जैसे लगता है रावण की तरह पूरे ब्रह्मांड को जीत लिया है. घमंड से इंसान को लगता है कि उसका प्रचंड, यश चारों तरफ फैल रहा है लेकिन घमंड के कारण ही इंसान आसमान से धरती पर कैसे आ जाता है पता भी नहीं चलता है.

4. घूसखोरी: 

आजकल तो लोग मंदिर, धर्म, कर्म सब करते हैं लेकिन एक स्वभाव में घूसखोरी की लत भी पाल लेते हैं. ईश्वर के संतान हम सभी हैं फिर आखिर में कभी सोचिए की आखिर में यह घूसखोरी क्यों कर रहें हैं? 
घूसखोरी के परिणाम बहुत भयानक होते हैं. जरा सा एक बार सोचिए यदि आपसे कोई दस रुपए भी मांग ले आपके मेहनत की कमाई से तो आपको कैसा लगता होगा? फिर जब आप किसी के काम को जान बूझकर रोक रखते है सिर्फ और सिर्फ रिश्वत ले लिए तो कितने बड़े भागीदारी होंगे पाप के आप इस बात को जाता सोचना. घूसखोर इंसान कितना भी पूजा पाठ कर ले, मंदिर चला जाए, गंगा स्नान कर ले लेकिन उस इंसान से कभी भी ईश्वर खुश नहीं रहता.

निष्कर्ष

प्रिय पाठकों आशा करते हैं कि ज्योतिषाचार्य गौरव के द्वारा लिखी गई लेख "ईश्वर को खुश रखना है, तो यह चार आदत अपने अंदर से त्याग दीजिए | Ishwar Ko Khush Kaise Rakhe" आप लोगों को पढ़कर अच्छा लगा होगा. *यह एक व्यक्तिगत सोच है, जिसका किसी भी व्यक्ति विशेष को ठेस पहुंचाना नहीं है. यदि हमारे द्वारा लिखी हुई कोई भी बातों से ठेस पहुंचे तो क्षमा प्रार्थी हैं. अंततः यहीं कहना चाहेंगे कि ईश्वर को खुश करना बहुत ही सरल है. आशा करते हैं ऊपर लिखी हुई बातों को ध्यान में रखकर ईश्वर अर्थात भगवान को खुश करने का प्रयास अवश्य करेंगे.
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