शिवलिंग पर जल चढ़ाने के 5 आसान नियम अवश्य जानें (Shivling Par Jal Chadhane Ka Niyam)
जय श्री महाकाल प्यारे भक्तों, इस कलयुग में भगवान शिव के शिवलिंग की पूजा का अत्यधिक महत्व विभिन्न शास्त्रों एवं खासतौर पर श्री शिवमहापुराण में बतलाया गया है। हर भक्त अपनी अपनी मुराद लेकर भगवान शिव को खुश करने में लगे ही रहते हैं। भगवान शिव के शिवलिंग की पूजा हजारों संकटों का नाश करने वाला माना जाता है।
महीने के सोमवार का दिन, महाशिवरात्रि, श्रावण मास जिसे सावन का महीना भी कहते हैं भगवान शिव को समर्पित हैं। इन दिनों में भगवान शिव के भक्त शिवलिंग की पूजा के नियम (Shivling Pooja Vidhi / Niyam) को अवश्य ही जानना चाहते हैं। प्रत्येक पूजा का अपना अलग महत्व और नियम (Niyam ) अर्थात विधि - विधान होता है, ठीक इसी प्रकार शिवलिंग पर जल चढ़ाने का नियम भी होता है।
भगवान शिव को औघड़ दानी कहा गया है किसी भी तरह से भगवान शिव की पूजा की जाए तो भगवान शिव स्वीकार कर लेते हैं परंतु जब नियम के साथ कोई भी माताएं बहनें एवं भाई बंधु शिवलिंग की पूजा करते हैं जल चढ़ाते हैं तो कई गुना अधिक फल भगवान भोलेनाथ प्रदान करते हैं इसमें कोई संशय नहीं है। इस लेख में शिवलिंग पर जल चढ़ाने के 5 ऐसे नियम बताने जा रहें जिसको करके आप अपने कल्याण के लिए भगवान शिव से अर्जी लगा सकते हैं।
Shivling Par Jal Chadhane Ka Niyam |
ऐसे में भगवान शिव के भक्त को शिवलिंग की पूजन अर्चन से संबंधित कुछ प्रश्न मन ही मन चलते रहते हैं, जैसे - शिवलिंग पर जल कैसे चढ़ाएं क्या है विशेष नियम, शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय दिशा कौन सी होनी चाहिए, किस पात्र से जल चढ़ाना चाहिए इत्यादि। इस लेख में ज्योतिषाचार्य गौरव के द्वारा शिवलिंग पर जल चढ़ाने के 5 ऐसे नियम बताएं गए हैं ( Shivling Par Jal Chadhane Ka Niyam ) जिससे भगवान शिव को प्रसन्न रख सकते हैं। अतः यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें।
शिवलिंग पर जल चढ़ाने के 5 आसान नियम ( Shivling Par Jal Chadhane Ka Niyam )
1. दिशा का ध्यान
2. बिना सामग्री के जलाभिषेक
3. समान धारा के साथ जलाभिषेक
शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय यह जरूर ध्यान रखना चाहिए की जब जल चढ़ा रहे हों तो मन एकदम एकाग्र हो जिससे एक सतत धारा अर्थात लगातार धार के साथ जलाभिषेक करना चाहिए बहुत से लोगों से ऐसी गलती हो जाती है| हमेशा ध्यान रखें धारा टूटने न पाए और जब बर्तन से जल खत्म हो जाए तो कोई बात नहीं इसलिए जल्दी जल्दी में कदापि जल नहीं अर्पित करना चाहिए शिवलिंग पर|
4. परिक्रमा
कुछ देवी देवताओं की परिक्रमा तो आप कर सकते हैं परंतु भगवान शिव के शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद भूलवश भी पूरी परिक्रमा शिवलिंग की नहीं करना चाहिए|
5. पात्र
भगवान शिव के जलाभिषेक में तांबे के बर्तन ( पात्र) को सबसे अधिक शुभ फलों की प्राप्ति के लिए माना जाता है। शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय तांबा, कांसा, चांदी से भी जल चढ़ाना फलित है। परंतु बहुत से लोग शिवलिंग पर प्लास्टिक के बोतल, शीशी इत्यादि से जल चढ़ाते हैं ऐसा कदापि नहीं करना चाहिए|
➤शिवलिंग पर क्या नही चढ़ाना चाहिए (Shivling Par Kya Nahi Chadhana Chahiye)
➤Belpatra : शिवलिंग पर बेलपत्र का उल्टा भाग चढ़ाना चाहिए या सीधा ।
निष्कर्ष:
डिस्क्लेमर: यहां पर दी हुई जानकारी विभिन्न धार्मिक ग्रंथों, स्वयं के अनुभव एवं विद्वानों के मतों पर आधारित है, जिसका उद्देश्य है एयर और सिर्फ धार्मिक जानकारी प्रदान करना। हमारा यह ब्लॉग किसी भी प्रकारवके सटीकता, प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है कृपया कोई भी उपाय करने से पहले किसी जानकार विद्वान से सलाह लें इस ब्लॉग की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी किसी भी क्षति के लिए।